उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वतन्त्रता प्राप्ति से पहले 1939 में आचार्य नरेन्द्र देव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था, उसे आचार्य नरेन्द्र देव समिति प्रथम के नाम से जाना जाता है। इस समिति ने उस समय प्रदेश की तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा में सुधार हेतु अनेक सुझाव दिए थे और स्वतन्त्र होते ही 1948–49 में इसे लागू कर दिया गया था। प्रदेश सरकार ने 4 वर्ष बाद ही इसके प्रभाव को देखने-समझने और तद्नुकूल आवश्यक सुधार करने हेतु सुझाव देने के लिए 18 मार्च, 1952 को आचार्य नरेन्द्र देव की अध्यक्षता में ‘माध्यमिक शिक्षा पुनर्गठन समिति’ (Secondary Education Reorganization Committee) का गठन किया। अध्यक्ष के नाम पर इसे आचार्य नरेन्द्र देव समिति द्वितीय (Acharya Narendra Deo Committee II) कहते हैं।
आचार्य नरेन्द्र देव समिति के उद्देश्य एवं कार्यक्षेत्र
प्रायः हम सभी जानते हैं कि इस समिति के गठन का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में प्रथम आचार्य नरेन्द्र देव समिति 1939 के अनुपालन के प्रभाव का अध्ययन करना था और साथ ही उसमें सुधार के लिए सुझाव प्राप्त करना था। और जहाँ तक इसके कार्य क्षेत्र की बात Read More…