कलकत्ता विश्वविद्यालय आयोग (सैडलर कमीशन), 1917–1919 | kolkata vishwavidyalaya aayog
कलकत्ता विश्वविद्यालय आयोग
1882 में लार्ड रिपन ने भारतीय शिक्षा आयोग का गठन किया था। यूँ इस आयोग का गठन प्राथमिक शिक्षा के सन्दर्भ में किया गया था, परन्तु इसने समस्त स्तरों को शिक्षा का अध्ययन किया था और उनके सुधार के लिए सुझाव दिए थे, उच्च शिक्षा के प्रसार एवं उन्नयन के लिए भो। उसके बाद लॉर्ड कर्जन ने 1902 में ‘भारतीय विश्वविद्यालय आयोग’ का गठन किया और इसकी सिफारिशों के आधार पर ‘भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 1904’ पारित कर प्रकाशित किया।
इस अधिनियम के लागू होने से भारतीय विश्वविद्यालयों के प्रशासनिक ढाँचे का पुनर्गठन हुआ और कुछ विश्वविद्यालयों में शिक्षण कार्य आरम्भ हुआ। सुधार के इसी क्रम में सरकार ने 1913 में शिक्षा नीति सम्बन्धी नया प्रस्ताव प्रकाशित किया। इस प्रस्ताव में उच्च शिक्षा के सम्बन्ध में अनेक Read more..