बौद्ध कालीन शिक्षा की विशेषताएं

Education
1 min readOct 28, 2023

--

शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ

बौद्ध धर्म के आदर्श उद्देश्य और सिद्धान्त वैदिक धर्म से बहुत-कुछ भिन्न थे अतः बौद्ध धर्म के प्रचार और प्रसार के लिए एक विशिष्ट शिक्षा प्रणाली का संगठन किया गया।

अतः हम इस प्रणाली की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन निम्नांकित शीर्षकों के अन्तर्गत कर रहे हैं-

(1) पब्बज्जा संस्कार ( Pabbajja Ceremony)

‘पब्बज्जा’ का शाब्दिक अर्थ है- बाहर जाना (Going out)। इस संस्कार का अभिप्राय था कि बालक अपने परिवार और पूर्व स्थिति का परित्याग करके संघ में प्रवेश करता था। इससे स्पष्ट हो जाता है कि इस संस्कार का सम्बन्ध केवल उन व्यक्तियों से था, जिनके जीवन का उद्देश्य बौद्ध भिक्षु बनना था। यह संस्कार 8 वर्ष की आयु से पहले सम्पन्न नहीं हो सकता था।

‘विनय पिटक’ (Vinaya Pitaka) में पब्बज्जा संस्कार का वर्णन इस प्रकार किया गया है-

“बालक अपने सिर के बाल मुड़ाता था, पीले वस्त्र धारण करता था, प्रवेश करने वाले मठ के भिक्षुओं के चरणों को अपने मस्तक से स्पर्श करता था और उनके सामने पालती मार कर भूमि पर बैठ जाता था। तदुपरान्त, मठ का सबसे बड़ा भिक्षु उससे तीन बार यह शपथ लेने को कहता था- “बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि, संघ शरणं गच्छामि।”

जब बालक यह शपथ ले लेता था, तब भिक्षु उसको अग्रांकित 10 आदेश देता था- Read more…..

Sign up to discover human stories that deepen your understanding of the world.

Free

Distraction-free reading. No ads.

Organize your knowledge with lists and highlights.

Tell your story. Find your audience.

Membership

Read member-only stories

Support writers you read most

Earn money for your writing

Listen to audio narrations

Read offline with the Medium app

--

--

Education
Education

Written by Education

यह एक educational blog है, जिसमे शिक्षा से सम्बंधित अच्छी से अच्छी सामग्री निःशुल्क उपलब्ध है | जो हमारे प्रतियोगी विद्यार्थी है उनके लिए ये लेख सहयोगी बनेगें |

No responses yet

Write a response