मौर्यकालीन कला के विकास पर प्रकाश डालिए। (Art of Mauryan Period)
मौर्यकालीन कला (Art of Mauryan Period)
मौर्यवंश ने भारत के सांस्कृतिक इतिहास में एक नवीन अध्याय का सूत्रपात किया था। इस युग में केवल प्रशासनिक व्यवस्था के क्षेत्र में, बल्कि कला, शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई थी। मौर्यकालीन शासकों ने शिक्षा, साहित्य एवं कला के विभिन्न अंगों- स्थापत्यकला, मूर्तिकला, पॉलिस, गहने बनाना, यान्त्रिकी आदि को अपना कुशल राजकीय संरक्षण प्रदान करके उनकी प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर दिया था। वास्तविकता यह है कि मौर्यकाल से ही भारतीय कला के इतिहास का प्रारम्भ माना जाता है, क्योंकि मौर्यकाल से पूर्व के समय की ऐसी कोई कलावृद्धि उपलब्ध नहीं है जिसे कला की दृष्टि में उत्तम कलाकृति कहा जा सके। मौर्यकालीन शासकों, विशेषतः सम्राट अशोक ने उच्च कोटि के भवन, मूर्तियाँ एवं स्तम्भों का निर्माण कराया था। इन सभी कलाकृतियों को भारतीय कला के सर्वश्रेष्ठ किया Read more…