राष्ट्रीय चेतना का विकास | राष्ट्रीय शिक्षा आन्दोलन | गोखले बिल और शिक्षा नीति 1913
भारत में राष्ट्रीय चेतना का विकास
इतिहास इस बात का साक्षी है कि राष्ट्र का सम्प्रत्यय सर्वप्रथम भारत में विकसित हुआ था। हमारे वेद संसार के प्राचीनतम ग्रंथ हैं और इनमें राष्ट्र एवं राष्ट्रीय कर्तव्यों का विशद वर्णन है। इतना ही नहीं अपितु हमारी वेद कालीन शिक्षा का एक उद्देश्य राष्ट्रीय कर्तव्यों का बोध एवं पालन कराना था। बौद्ध काल में राष्ट्रीय कर्तव्यों के स्थान पर सामाजिक कर्तव्यों पर अधिक बल दिया गया। इसका दूरगामी परिणाम यह हुआ कि एक दिन इस देश पर विदेशी मुसलमान शासकों का साम्राज्य स्थापित Read more…