शिमला सम्मेलन, 1901, भारतीय विश्वविद्यालय आयोग, 1902 और कर्जन शिक्षा नीति, 1904

Education
1 min readDec 19, 2023

शिमला सम्मलेन, भारतीय विश्वविद्यालय आयोग,और कर्जन शिक्षा नीति

1899 में लॉर्ड कर्जन (Lord Curzon) ब्रिटिश भारत के नए गवर्नर जनरल और वायसराय नियुक्त हुए। वे उच्च कोटि के विद्वान और कुशल प्रशासक थे। उनमें कुछ कर गुजरने की बलवती इच्छा थी। उन्होंने यहाँ कार्यभार सम्भालते ही हर क्षेत्र में सुधार के प्रयत्न शुरु किए, शिक्षा के क्षेत्र में भी। उन्होंने देखा कि बिटिश शासन के 40 वर्ष लम्बे कार्यकाल में भी यहाँ की शिक्षा में न तो उतनी संख्यात्मक वृद्धि हो पाई है और न उतनी गुणात्मक उन्नति हो पाई है जितनी होनी चाहिए थी।

अतः उन्होंने सितम्बर 1901 में शिमला में एक शिक्षा सम्मेलन का आयोजन किया और उसमें भारतीय शिक्षा पर विस्तार से विचार किया। उसके बाद 1902 में भारतीय विश्वविद्यालय आयोग की नियुक्ति की और उसे विश्वविद्यालयों के संगठन को प्रभावी बनाने और उच्च शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने के सम्बन्ध में सुझाव देने का कार्य सौंपा।

11 मार्च 1904 को लॉर्ड कर्जन ने अपनी शिक्षा नीति घोषित की और 21 मार्च 1904 को भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम 1904 की घोषणा की। इस लेख में इन सबका क्रमबद्ध वर्णन प्रस्तुत है। साथ ही लॉर्ड कर्जन के अन्य शैक्षिक सुधारों और आधुनिक भारतीय शिक्षा के विकास में उनके योगदान की विवेचना प्रस्तुत है।

शिमला शिक्षा सम्मेलन, 1901

लॉर्ड कर्जन ने सितम्बर 1901 में शिमला में एक शिक्षा सम्मेलन का आयोजन किया जिसे ‘शिमला शिक्षा सम्मेलन’ के नाम से जाना जाता है। इस सम्मेलन में सभी प्रान्तों के जन शिक्षा निदेशकों और मुख्य ईसाई मिशनरियों के कुछ प्रतिनिधियों Read more…

Sign up to discover human stories that deepen your understanding of the world.

Free

Distraction-free reading. No ads.

Organize your knowledge with lists and highlights.

Tell your story. Find your audience.

Membership

Read member-only stories

Support writers you read most

Earn money for your writing

Listen to audio narrations

Read offline with the Medium app

Education
Education

Written by Education

यह एक educational blog है, जिसमे शिक्षा से सम्बंधित अच्छी से अच्छी सामग्री निःशुल्क उपलब्ध है | जो हमारे प्रतियोगी विद्यार्थी है उनके लिए ये लेख सहयोगी बनेगें |

No responses yet

Write a response