सुमित्रानंदन पंत का जीवन परिचय | Sumitranandan Pant Ka Jeevan Parichay
कोमल एवं सुकुमार भावनाओं के कवि सुमित्रानन्दन पन्त का जन्म कूर्मांचल प्रदेश अल्मोड़ा जिलान्तर्गत कौसानी ग्राम में सन् 1900 ई. में हुआ था। जन्म के कुछ घण्टों के बाद ही इनकी माँ का निधन हो गया। इनके पिता का नाम गंगादत्त पन्त था। प्रारम्भिक शिक्षा पूर्ण कर 1919 में प्रयाग के म्योर सेण्ट्रल कॉलेज में अध्ययन के लिए प्रवेश किया, किन्तु गाँधी जी के असहयोग आन्दोलन से प्रभावित होकर विद्यालय छोड़ दिया।
पन्त जी ने इलाहाबाद से निकलने वाली प्रगतिशील विचारों की पत्रिका ‘रूपाभ’ का कुशल सम्पादन किया। अनेक वर्षों तक आप आकाशवाणी में उच्च पद पर आसीन रहे। अविवाहित रहकर पन्तजी ने अपना सम्पूर्ण जीवन माँ भारती के चरणों में समर्पित कर दिया। कविता में आपकी रुचि बाल्यकाल से ही थी। पन्तजी को ‘कला और बूढ़ा चाँद’ पर अकादमी, ‘लोकायतन’ पर सोवियत और ‘चिदम्बरा’ पर ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुए। भारत सरकार ने उन्हें ‘पद्मभूषण’ की उपाधि Read more…