भारत में सूफी मत का विकास
भारत में सूफी मत मुस्लिम आक्रमण के पूर्व ही प्रवेश कर चुका था। अरब यात्रियों के साथ सूफी संतों ने भी भारत की यात्रा की थी। कहा जाता है कि प्रथम श्रेष्ठ सूफी विद्वान अल हज्जाम ने भारत की यात्रा की थी और उन पर भारतीय रहस्यवाद का प्रभाव पड़ा था। गजनवी काल में लाहौर सूफी केन्द्र के रूप में स्थापित हो चुका था। यहाँ सूफी मत का प्रचार अबुल हसन हुजवेरी ने किया।
उसने अपने ग्रंथ कश्फुल महजूब में विभिन्न मतों का प्रतिपादन किया है। उदारता के कारण हुजवेरी लाहौर में लोकप्रिय था और जनसाधारण में वह ‘हजरत दातागंज’ के नाम से प्रसिद्ध था। उसका जन्म गजनी में और शिक्षा बगदाद में हुई थी। उसका देहान्त 1072 ई. में लाहौर में हुआ था लेकिन भारत में Read more…