अकबर की भू-राजस्व व्यवस्था का वर्णन कीजिए।

Education
1 min readDec 14, 2023

--

अकबर की भू-राजस्व व्यवस्था

अकबर की भू-राजस्व व्यवस्था की पृष्ठभूमि अफगान शासक शेरशाह के द्वारा स्थापित की जा चुकी थी। शेरशाह इस मामले में अकबर का पथ-प्रदर्शक था।

राजा टोडरमल का नेतृत्व

अकबर के राज्य काल में राजा टोडरमल ने भूमि का जो पवन्य किया उसकी आज भी प्रशंसा की जाती है। इस व्यवस्था ने काया ही पलट कर रख दी। सन 1582 में राजा टोडरमल दीवान-ए-अशरफ नियुक्त किये गये थे। उस समय राजस्व की स्थिति खराब हालत में भी प्रतिवर्ष राजस्व का सही अनुमान नहीं लग पाता था। उसने भू-राजस्व प्रपाली में निम्नलिखित क्रान्तिकारी परिवर्तन किये-

(1) भूमि की पैमाइश- भूमि की पैमाइश कराने में टोडरमल से पहले रस्सी का उपयोग होता था जो मौसम के अनुकूल घट-बढ़ सकती थी। उसने इस प्रथा को समाप्त करके लोहे के छल्लों और बाँसों की जरीबें बनवाईं, उससे भूमि की पैमाइश कराई। जो भूमि कृषि योग्य थी इसका पता करके उसका विवरण रखा गया।

(2) भूमि का विभाजन- भूमि को चार भागों में विभाजित किया गया-

(i) पौलिज- इस प्रकार की जमीन में प्रतिवर्ष नियमित रूप से कृषि की जाती Read more..

--

--

Education
Education

Written by Education

यह एक educational blog है, जिसमे शिक्षा से सम्बंधित अच्छी से अच्छी सामग्री निःशुल्क उपलब्ध है | जो हमारे प्रतियोगी विद्यार्थी है उनके लिए ये लेख सहयोगी बनेगें |

No responses yet