परीक्षण (Test) किसी भी योग्यता, क्षमता तथा उपलब्धि के मापन का सर्वोत्तम उपकरण होता है। उपकरण यदि सार्थक और प्रामाणिक है तथा उस पर देश, काल तथा परिस्थिति का प्रभाव नहीं पड़ता है तो उसे उत्तम परीक्षण कहा जाता है।
गत वर्षों में शिक्षकों ने विभिन्न विधियों का प्रयोग करके छात्रों की उपलब्धियों का मूल्यांकन करने में आशातीत प्रगति की है। इस कार्य में उन्होंने वस्तुनिष्ठ परीक्षणों का अति कुशलता से प्रयोग किया है। फिर भी उनकी मूल्यांकन की विधियों को पूर्णतया निर्दोष नहीं कहा जा सकता है। यह तभी सम्भव है, जब वे स्वनिर्मित परीक्षणों का प्रयोग न करके, प्रमापित शैक्षिक परीक्षणों को काम में लायें, क्योंकि इनकी कुछ अपनी निराली विशेषतायें है। इस सम्बन्ध में डगलस व हॉलैण्ड ने लिखा है-”उत्तम परीक्षा में अनेक विशेषताओं का होना आवश्यक है और ये विशेषतायें प्रत्येक परीक्षण के निर्माण के आधारभूत सिद्धान्त हो जाते हैं।”
अब हम उत्तम प्रमापित परीक्षण (Good Standardized Test) की विशेषताओं अथवा उसके निर्माण के सिद्धान्तों पर विचार करेंगे।
उत्तम परीक्षण की विशेषताएँ
उत्तम परीक्षण की निम्नलिखित विशेषतायें हैं -
1. वैधता (Validity)
उत्तम परीक्षण में वैधता का गुण या विशेषता होती है। इसका अभिप्राय यह है कि परीक्षण को बालक की उसी योग्यता की जाँच करनी चाहिए, जिसकी जाँच करने के लिए उसे बनाया गया है। हम ‘वैधता का विस्तृत विवेचन प्रस्तुत कर रहे हैं-
(अ) वैधता का अर्थ (Meaning of Validity)- वैधता के अर्थ पर प्रकाश डालते हुए प्रेसी, रॉबिन्सन व हॉरक्स ने लिखा है- “परीक्षण में वैधता तभी होती है, जब वह वास्तव में उसी बात का मापन करता है, जिसके मापन की उससे आशा की जाती है।”Read more….