चन्द्रगुप्त मौर्य की उपलब्धियां / मूल्यांकन
प्राकृतिक संसाधनों से युक्त मगध की संपन्नता के कारण साम्राज्य विस्तार के लिए वहाँ के शासकों की अनुकूल परिस्थितियाँ मिलीं। मगध साम्राज्य विस्तार की जो परम्परा छठी शताब्दी ईसा पूर्व में बिम्बसार ने प्रारम्भ की थी। उसे चन्द्रगुप्त मौर्य ने चाणक्य सुयोग्य निर्देशन में अधिक कार्यक्षम तथा संरचनात्मक स्वरूप प्रदान किया। चन्द्रगुप्त की उपलब्धियों के सम्यक् निदर्शन से पता चलता है कि वह एक महान विजेता, साम्राज्य निर्माता तथा अत्यन्त कुशल प्रशासक था। उसने अपने बाहुबल से मौर्य साम्राज्य की आधारशिला कर सार्वभौम सम्राट के आदर्श को चरितार्थ किया था। सम्पर्ण जंबूदीप पर शासन करने वाला वह प्रथम ऐतिहासिक शासक था।
चन्द्रगुप्त एक सामान्य स्थिति से उठकर सम्राट के पद तक पहुँचा था जो उसकी नैसर्गिक योग्यता की सूचक थी। यूनानी स्रोतों के आधार पर कहा जा सकता है कि उसकी महान सफलता अधिकांशतः उसकी Read more..