भारत में स्त्री / महिला-शिक्षा
स्वतन्त्र भारत में स्त्री / महिला-शिक्षा की स्थित में क्रान्तिकारी परिवर्तन हुए। अब स्त्रियाँ अपने अधिकारों के प्रति विशेष सजग हो गई है। समाज के दृष्टिकोण में भी पर्याप्त परिवर्तन आ गया है। स्त्रियाँ जिन बन्धनों से बंधी थी वे अब ढीले होते जा रहे हैं। स्त्रियाँ जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का परिचय दे रही है। स्वतन्त्रता के पश्चात् स्त्री-शिक्षा के विकास की तीव्रता का ज्ञान हमें निम्नलिखित तालिका से स्पष्ट हो जायेगा- Read more…