भारत में शैक्षिक प्रशासन का विकास समझाइए ।

Education
1 min readJan 24, 2024

--

भारत में शैक्षिक प्रशासन का विकास

भारत में शैक्षिक प्रशासन के विकास का इतिहास पुराना नहीं है। भारत में शैक्षिक विचारों की शुरूआत धार्मिक दृष्टिकोण के साथ हुई मानी जाती है। देश के प्रशासकों ने शिक्षा में रुचि कम प्रदर्शित की है। सर्वप्रथम ‘ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने 1813 के चार्टर ऐक्ट के पश्चात् शिक्षा प्रसार एवं प्रशासन का दायित्व स्वीकार किया था। तत्कालीन प्रशासन का लक्ष्य केवल यह देखना था कि देश में सम्पूर्ण शिक्षा के लिए केवल एक लाख रुपये खर्च हों। 1813 के पश्चात् जब शिक्षा केन्द्रीय विषय के रूप में उभरकर सरकार के समक्ष आयी तब सरकार ने इसमें रुचि लेनी प्रारम्भ की थी। 1854 के वुड के घोषणा-पत्र के पश्चात् ही भारतीय शिक्षा प्रशासन के स्वरूप में परिवर्तन देखने को मिलता है।

अत: स्पष्ट है कि 1813 से 1921 तक शिक्षा प्रशासन केन्द्रीय विषय के रूप में रही है तथा 1921 के पश्चात् यह राज्य का एक विषय के रूप में जानी जाती है। इसके साथ ही कुछ महत्वपूर्ण अधिकार; जैसे-राज्यों के सलाह देने का काम, समग्र देश की शिक्षा नीति, शिक्षा नियोजन, देश की शिक्षा सम्बन्धी आँकड़ों का प्रकाशन, विशिष्ट शिक्षा व्यवस्था, शिक्षा के लिए वित्तीय अनुदान, राष्ट्रीय स्तर को Read More…

--

--

Education
Education

Written by Education

यह एक educational blog है, जिसमे शिक्षा से सम्बंधित अच्छी से अच्छी सामग्री निःशुल्क उपलब्ध है | जो हमारे प्रतियोगी विद्यार्थी है उनके लिए ये लेख सहयोगी बनेगें |

No responses yet