वाणिज्य का अर्थ
सामान्य अर्थों में अगर हम देखे कि ‘वाणिज्य’ में वस्तुओं के क्रय-विक्रय के साथ उन समस्त सेवाओं को भी सम्मिलित किया जाता है, जिनके द्वारा माल को उत्पादक से लेकर उपभोक्ता तक पहुँचाया जाता है। इस प्रकार वाणिज्य’ का अर्थ ‘व्यापार + वितरण’ सेवाओं से है। वितरण सेवाओं में बैंकिंग, बीमा, यातायात तथा भण्डारण आदि की सुविधाओं को शामिल किया जाता है।
माल के उत्पादन का तब तक कोई महत्त्व नहीं होता, जब तक कि माल को बेच न दिया जाए। इस सम्पूर्ण क्रिया में पहले माल को उत्पादक के कारखाने या गोदाम से हटाकर किसी सुरक्षित भण्डार गृह में संग्रह करना होता है, फिर विज्ञापन के विभिन्न साधनों के माध्यम से लोगों को उसकी जानकारी कराई जाती है। इसके बाद माल के लिए आदेश प्राप्त होने पर यातायात के किसी साधन द्वारा माल को भेजा जाता है। इस समस्त प्रक्रिया के सुसंचालन हेतु अनेक सेवाएं लेनी होती हैं। Read more