संक्रामक रोग एक व्यक्ति से दूसरे और दूसरे व्यक्ति से तीसरे को लगता हैं। किसी रोगी व्यक्ति के पास जाने से उसे छूने पर रोग के कीटाणु स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रविष्ट होकर होकर रोग फैला देते हैं। संक्रामक रोगों का कारण एक अत्यन्त सूक्ष्म जीव होता है जिसे रोगाणु कहते हैं। इन रोगाणुओं को सूक्ष्मदर्शी यन्त्र के बिना नहीं देखा जा सकता। कभी-कभी कीड़े-मकोड़ों तथा चौपायों से भी संक्रामक रोग फैलते हैं। यदि छूत का रोग एक व्यक्ति को लग जाय तो बहुत शीघ्रता से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से सभी को रोगग्रस्त कर देते हैं। वैज्ञानिकों ने जीवाणुओं के विषय में बहुत-सी जानकारी प्राप्त कर ली है। अतः आजकल के युग में अनेक रोगों का नियन्त्रण एवं उन्मूलन होना Read more…