साजेंन्ट योजना क्या है | साजेंन्ट योजना 1944 | साजेंन्ट योजना के सुझाव और सिफरिसें |
सार्जेन्ट योजना का सामान्य परिचय
द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद हर देश के सामने नई समस्याएँ थीं, नई चुनौतियाँ थीं, हमारे देश भारत के सामने भी। यहाँ हम केवल अपने देश की तत्कालीन शैक्षिक समस्याओं की चर्चा करेंगे। पहली बात तो यह है कि युद्ध के दौरान हमारी सरकार शिक्षा की तरफ पूरा ध्यान नहीं दे सकी थी जिसके कारण शिक्षा का विस्तार और उन्नयन दोनों रुक गए थे।
दूसरी बात यह है कि युद्ध के बाद देश के सामने नई चुनौतियाँ उपस्थित हो गई थीं, उन चुनौतियों की दृष्टि से शिक्षा का पुनर्गठन आवश्यक था। अतः गवर्नर जनरल की प्रबन्धकारिणी समिति (Governor General Executive Council) की पुनर्निर्माण समिति (Reconstruction Committee) ने केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (CABE) को यह आदेश दिया कि वह युद्धोत्तर भारत के लिए एक ऐसी शिक्षा योजना तैयार करे जिससे भारत में ऐसी शिक्षा का विकास किया जा सके जैसी ब्रिटेन में है और जिसके द्वारा भारत को ब्रिटेन की तरह सभ्य एवं विकसित किया जा सके।
बोर्ड ने आदेश का पालन किया और एक योजना तैयार की। कुछ विद्वान इसी आधार पर इसे ‘केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड रिपोर्ट’ कहते हैं। क्योंकि यह योजना युद्धोत्तर भारत के लिए बनाई Read more…